Join me on YouTube Subscribe

काव्य हेतु (Kavya Hetu) | काव्य हेतु का अर्थ एवं परिभाषा

काव्य हेतु (kavya Hetu), काव्य हेतु की परिभाषा, काव्य हेतु के प्रकार, काव्य हेतु का अर्थ, काव्य-हेतु और काव्य-प्रयोजन में अंतर, हिंदी व्याकरण

काव्य हेतु (kavya Hetu), काव्य हेतु की परिभाषा (Kavya hetu ki paribhasha), काव्य हेतु का अर्थ (Kavya hetu Ka arth), काव्य-हेतु और काव्य-प्रयोजन में अंतर (Kavya Hetu Aur Kavya Prayojan me Antar)

काव्य हेतु (Kavya Hetu)

नमस्कार साथियों ! हिंदी व्याकरण के एक और ब्लॉग में आप सभी का स्वागत है। हमने Poemswala पर Kavya | काव्य का अर्थ, परिभाषा व लक्षण के बारे में पढ़ा है। परंतु इस लेख में हम यह देखेंगे कि काव्य की रचना करने के लिए किस शक्ति का प्रयोग किया जाता है। जिसे काव्य हेतु (kavya Hetu) भी बोला जाता है। कवि को किन चीजों के बारे में जानना चाहिए। इसमें हम पढ़ेंगे कि काव्य हेतु क्या होता है?  काव्य हेतु की परिभाषा (Kavya hetu ki paribhasha) क्या है? उसका (Kavya hetu ja arth) अर्थ क्या होता है? काव्य-हेतु और काव्य-प्रयोजन में अंतर (Kavya Hetu Aur Kavya Prayojan me Antar) क्या है...

आशा है कि यह लेख आपके लिए काफी ज्यादा ज्ञानवर्धक साबित होगा तथा इसको लेकर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले अनेक प्रश्नों का उत्तर आप दे सकेंगे।

काव्य हेतु (Kavya Hetu) | काव्य हेतु का अर्थ एवं परिभाषा
Kavya hetu - Poems wala

काव्य हेतु की परिभाषा (Kavya hetu ki paribhasha)

काव्य रचना में सफलता प्राप्त करने के लिए काव्य हेतु एक कवि की शक्ति है। काव्य हेतु किसी कवि की वह शक्ति है जिससे वह काव्य रचना में समर्थ होता है। इसके अंतर्गत कविता के सृजन की विविध प्रक्रियाओं का विवेचन किया जाता है।

ये भी पढ़ें : कवित्त छंद की परिभाषा, नियम व उदाहरण

काव्य हेतु का अर्थ (Kavya hetu ja arth)

काव्य हेतु में 'हेतु' का अर्थ 'कारण' होता है, अतः इसे काव्य रचना का कारण भी कह सकते हैं। काव्य हेतु को 'काव्य कारण' कहने की भी परंपरा रही है। आचार्य वामन ने काव्य हेतु की जगह 'काव्यांग' शब्द का प्रयोग किया है। 

काव्य के हेतु (Kavya hetu ke prakar)

मुख्यतः काव्य के तीन हेतु माने गए हैं - 

  • प्रतिभा
  • व्युत्पत्ति (निपुणता)
  • अभ्यास और
  • समाधि

(1) प्रतिभा (Pratibha)

क्षेमेन्द्र, वामन, मम्मट और आचार्य दंडी जैसे महान व्यक्तियों ने इसपर अपनी राय दी है। क्षेमेन्द्र ने अपनी रचना 'औचित्यविचारचर्चा' में प्रतिभा की व्याख्या कुछ इस प्रकार की है;

'प्रज्ञा नवनान्मेषशालिनी प्रतिभा मता।' अर्थात् 'नये-नये मावों के उन्मेष से युक्त प्रज्ञा को प्रतिभा कहते हैं।'
काव्य हेतु (Kavya Hetu) | काव्य हेतु का अर्थ एवं परिभाषा
kavya hetu - Poems wala 

वहीं, वामन 'काव्यालंकार सूत्र में इसे जन्मान्तर से प्राप्त कोई संस्कार कहते हैं, जिसके बिना काव्य-रचना नहीं हो सकती या होती भी है तो हास्य का कारण बन जाती है।

मम्मट ने भी प्रतिमा के लिए शक्ति शब्द का ही प्रयोग किया है। शक्ति कवित्व का बीजरूप कोई संस्कार विशेष है, जिसके बिना काव्य प्रसूत नहीं होता और यदि हो भी तो उपहासमय होता है।

आचार्य दंडी ने प्रतिभा को काव्य का मूल हेतु माना है। उन्होंने व्युत्पत्ति अर्थात शास्त्र-ज्ञान तथा अभ्यास को भी आवश्यक माना है। वे लिखते हैं...

नैसर्गिकी च प्रतिभा श्रुतं च बहुनिर्मलम् ।
अमंदश्चाभियोगोस्या: कारणं काव्यसम्पद: ।।

स्वाभाविक प्रतिभा, निर्मल शास्त्र ज्ञान तथा अनवरत अभ्यास काव्य रूपी संपत्ति के कारण ( हेतु ) हैं।

ये भी पढ़ें : Muktak Kavya | मुक्तक काव्य; परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

2) व्युत्पत्ति (Vyutpatti)

इस संबंध में राजशेखर ने अपने विचार प्रस्तुत किए हैं जिन्होनें प्राचीन आचार्यों के मत का भी उल्लेख किया है। राजशेखर के अनुसार व्युत्पत्ति का अर्थ 'बहुज्ञता' है। वे इसके बारे में यह भी कहते हैं कि, उचित-अनुचित का विवेक व्युत्पत्ति है। गौर करने वाली बात ये है कि यह अर्थ प्राय सभी काव्य आचार्यों को मान्य है।

आचार्यों का यह मानना है 'व्युत्पत्ति' प्रतिमा का संस्कारक है जबकि राजशेखर ने इस सिद्धान्त का खंडन किया है। इस संबंध में वो कहते हैं कि 'व्युत्पत्ति' प्रतिभा से श्रेष्ठ है। आगे इस कथन के आलोक में उन्होंने अपना मत दिया है, 'प्रतिभा और व्युत्पत्ति दोनों समवेत रूप से 'श्रेयस्कर' हैं।

ये भी पढ़ें :  Kavya | काव्य का अर्थ, परिभाषा व लक्षण

3) अभ्यास (Abhyas)

निरंतर प्रयास करते रहने को 'अभ्यास' कहा गया है। सभी आचार्यों की यह मान्यता है कि 'अभ्यास' प्रतिभा का पोषक है। दण्डी अपने ग्रंथ 'काव्यादर्श' में 'प्रतिभा को सर्वोपरि मानते हैं। 

4) समाधि (Samadhi)

राजशेखर के अनुसार, 'समाधि' मन की एकाग्रता है। उन्होंने एक अन्य आचार्य श्यामदेव को उद्धृत करते हुए कहा है, 'काव्य कर्म में कवि की 'समाधि' सर्वोत्कृष्ट है। वामन ने 'समाधि' को 'अवधान' शब्द से संबोधित किया है।

इस प्रकार 'काव्य रचना' में 'प्रतिभा', 'व्युत्पत्ति, 'अभ्यास' और 'समाधि' जैसे काव्य-हेतुओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।

ये भी पढ़ें : Prabandh Kavya | प्रबंध काव्य ; परिभाषा, भेद व उदाहरण

काव्य-हेतु और काव्य-प्रयोजन में अंतर (Kavya Hetu Aur Kavya Prayojan me Antar)

काव्य-हेतु की सहायता से ही कवि काव्य-रचना में सफलता प्राप्त करता है। काव्य रचना को गढ़ते समय या लिखते समय ये कारण आवश्यक रुप से मौजूद होते हैं जिनकी सहायता के बिना काव्य-रचना संभव नहीं। वहीं, काव्य प्रयोजन काव्य रचना के पश्चात प्राप्त फल होता है। इन्हें प्रेरक तत्व भी कहते हैं। जैसे - धनयशआनंद आदि। काव्य प्रयोजन की चर्चा करते समय काव्य हेतु से इसके अंतर की चर्चा की जाती है।

FAQS: Poems wala

काव्य हेतु का अर्थ क्या है..

काव्य हेतु में 'हेतुका अर्थ 'कारणहोता हैअतः इसे काव्य रचना का कारण भी कह सकते हैं। काव्य हेतु को 'काव्य कारणकहने की भी परंपरा रही है।

काव्य हेतु का परिभाषा क्या होती है...

काव्य हेतु किसी कवि की वह शक्ति है जिससे वह काव्य रचना में समर्थ होता है। इसके अंतर्गत कविता के सृजन की विविध प्रक्रियाओं का विवेचन किया जाता है।

काव्य के कितने हेतु हैं..

काव्य के चार हेतु हैं .. उदाहरण के लिए 1. प्रतिभा 2. व्युत्पत्ति 3. अभ्यास 4. समाधि

निष्कर्ष 

तो काव्य हेतु (Kavya Hetu) | काव्य हेतु का अर्थ एवं परिभाषा कैसा लगा, आप हमें कमेंट कर जरुर बताएं। अगर आप चाहें तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। इसी तरह के शानदार Poems | Quotes | Shayari | Status के लिए पोएम्स वाला (Poems wala) पर बनें रहें।

और पढ़ें

Thank You So Much For Reading This. I'm waiting for your valuable comment


About the Author

नमस्कार ! आपका मेरे ब्लॉग में स्वागत है। मैं हूं रंजन, एक नवोदयन जो सबकुछ करना चाहता है। उसी सिलसिले में एक वेबसाइट के ज़रिये अपने भावों को लिखना शुरू किया। दिसंबर 2019 से लिख रहा है। उम्मीद है आपको रचना पसंद आ रही होगी। धन्यवाद ! मोहब्बत फैलाइए ❣️

Post a Comment

Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.