Join me on YouTube Subscribe

कविता किसे कहते है (What is Poetry) | कविता की परिभाषा

कविता किसे कहते है (What is Poetry) | कविता की परिभाषा | How to write Poetry | कविता और काव्य में अंतर | कविता के स्वरूप | PoemsWala | Poetry means

कविता किसे कहते है (What is Poetry ?)- कविता काव्य का रचनात्मक स्वरूप है जिसके माध्यम से अभिव्यक्ति होती है या की जाती है। कविता उच्चाशय, उदार और नि:स्वार्थ हृदय की उपज है। "कविता" केवल रसात्मक या कर्णप्रिय अभिव्यक्ति नहीं है बल्कि कविता वह है जो कानों के माध्यम से हृदय को आंदोलित करे।

kavita kise kahte hain
What is Poetry | Poemswala

(कविता | Poetry)

कविता की परिभाषा | Definition of Poetry

माना तो ये भी जाता है कि कविता मनुष्य के हृदय को उन्नत करती है और ऐसे ऐसे उत्कृष्ट और अलौकिक पदार्थो का परिचय कराती है जिनके द्वारा ये लोक देवलोक या मनुष्य देवता हो सकता है। कविता के द्वारा हम सुख-दुख, आनंद और क्लेश आदि यथार्थ रुप से अनुभव करते हैं। कविता हमारे मनोभावों को उजागर करके हमारे जीवन में एक नया जीवन डाल देता है। कविता भाषा में होती है इसलिए भाषा का पूर्ण ज्ञान आवश्यक है। भाषा प्रचलित एवं सहज हो व संरचना ऐसी हो जो पाठकों को नई लगे। हालांकि, कविता का स्वरूप समय के साथ-साथ बदलता रहता है इसलिए जरुरी हो जाता है कि कवि को समय विशेष में प्रचलित प्रवृत्तियों की पूरी जानकारी हो।

वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान।
उमड़ कर आंखों से चुपचाप बही होगी कविता अनजान।।

Note : कई जगह काव्य को ही कविता मान लिया जाता है। यह आपको देखने तथा पढ़ने को भी मिल जाएंगे। काव्य, कविता या पद्य तीनों समान है। हालांकि, कई जगह दोनों के बीच अंतर मिलेगा।

ये भी पढ़ें : Mahakavya | महाकाव्य की परिभाषा, विशेषताएं (लक्षण व तत्व)

कविता और काव्य में अंतर | Difference b/w Poem and Kavya

कविता स्त्रीलिंग है, जबकि काव्य पुल्लिंग है। कविता काव्य का रचनात्मक स्वरूप है, जबकि काव्य एक विधा है। विधा वही है जिसके माध्यम से अभिव्यक्ति होती है या की जाती है। काव्य हमारी पुरानी विधा है। पंडित विश्वनाथ के अनुसार ( वाक्यं रसात्मकं काव्यं ) रसमय वाक्य ही काव्य है। वहीं पंडित राज जगन्नाथ कहते हैं कि रमणीय अर्थ का प्रतिपादक ( रमणीयार्थ प्रतिपालक: शब्द काव्यम् ) शब्द ही काव्य है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार काव्य का चरम लक्ष्य सर्वभूत को आत्मभूत करके अनुभव कराना है।

कविता कैसे लिखा जाता है ? | How to write Poetry ?

कविता बनने या गढ़ने के पीछे प्रमुखत: दो मान्यताएं हैं - पहली ये कि कविता स्वत: आती है और दूसरी कि चित्र कला, संगीत कला की तरह कविता भी लिखना सीखाई जा सकती है। पश्चिमी देशों में विद्यार्थियों को कविता लिखना सिखाने के लिए विश्वविद्यालय है। विद्वानों का कथन है कि इन संस्थाओं से कविता लिखना सीखें या न सीखें एक सहृदय और भावुक कविता पाठक तो बन ही सकते हैं।

बाकी कलाओं से कैसे भिन्न है कविता गढ़ने की कला ?

चित्रकला में रंग, कूची, कैनवास तो संगीत में स्वर, ताल, वाद्य आदि की जरूरत पड़ती है, लेकिन कविता ऐसी कला है जिसमें किसी बाहरी उपकरण की मदद नहीं ली जाती। कवि की एक कठिनाई यह भी होती है कि उसे भाषा के उन्हीं उपकरणों से काम लेकर कुछ विशेष रचना होता है जो विषय हमारे दैनिक जीवन का माध्यम है। कवि अपनी इच्छा अनुसार शब्दों को जुटाता है और उसे लय से गठित करता है।

ये भी पढ़ें : काव्य हेतु (Kavya Hetu) | काव्य हेतु का अर्थ एवं परिभाषा

कविता के दो स्वरूप है | Form of Poetry 

(अ) कविता का बाहरी स्वरूप 

कविता के दो पक्ष है--- अनुभूति और अभिव्यक्ति। अनुभूति पक्ष का संबंध कविता के आंतरिक स्वरूप से है, जबकि अभिव्यक्ति पक्ष का संबंध बाहरी रूप से से है।

कविता के बाहरी रूप के निर्धारण मे निम्नलिखित कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है----

1. लय 2. तुक 3. छन्द 4. शब्द योजना 5. काव्य भाषा 6. अलंकार 7. काव्य गुण

  • भाषा - भाषा कविता का महत्त्वपूर्ण घटक है, क्योंकि भाषा के माध्यम से ही कवि अपनी संवेदनाओं और भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करता है।
  • शैली – शैली के द्वारा कवि अपनी संवेदनाओं को कविता के रूप में अभिव्यक्त करता है।
  • छंद - छंद ही कविता को कविता का रूप प्रदान करते हैं। इनके द्वारा ही कविता पद्य की श्रेणी में आते हैं।
  • अलंकार - ये कविता को सौन्दर्य प्रदान करते हैं। कवि अपनी कविता को इनके द्वारा ही सजाता है।
  • बिंब - बिंब का शाब्दिक अर्थ है-शब्दचित्र। इन शब्द चित्रों के माध्यम से ही कवि अपनी कल्पना को साकार रूप प्रदान करता है। बिंब के बिना कविता की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह कविता का मूल आधार है।

(ब) कविता का आन्तरिक स्वरूप 

कविता का आन्तरिक पक्ष काव्य की आत्मा होती है। रसात्मकता, अनुभूति की तीव्रता, भाव और विचारों का समावेश तथा कल्पना की सृजनात्मकता से उत्पन्न सौन्दर्यबोध का सम्बन्ध कविता के आन्तरिक पक्ष से है। इसके अन्तर्गत भाव सौन्दर्य, विचार सौन्दर्य, नाद सौन्दर्य और अप्रस्तुत योजना का सौन्दर्य शामिल किया जाता है।

ये भी पढ़ें : Kavya Prayojan | काव्य प्रयोजन का अर्थ एवं परिभाषा

FAQS: Poems wala

कविता किसे कहते है ?

कविता काव्य का रचनात्मक स्वरूप है जिसके माध्यम से अभिव्यक्ति होती है या की जाती है। 

काव्य की परिभाषा लिखें

उस रचना को ‘काव्य’ कह सकते हैं जो पाठकों या श्रोताओं को भावानंद प्रदान करने की क्षमता रखती हो।

कविता के कितने स्परुप हैं ?

कविता के दो पक्ष है--- अनुभूति और अभिव्यक्ति।

काव्य और कविता में क्या अंतर है ?

कविता के दो पक्ष है--- अनुभूति और अभिव्यक्ति।

निष्कर्ष | Conclusion 

इस आर्टिकल में आपने पढ़ा की कविता किसे कहते हैं? साथ ही आपने कविता और काव्य की परिभाषा तथा दोनों के बीच अंतर को देखा। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी अवश्य समझ आयी होगा। हमने रिसर्च के बाद ये पोस्ट डाली है। इस बीच पोस्ट पब्लिश करने में अगर कोई पॉइंट छुट गया हो, या फिर आप-आप कोई अन्य प्रश्न का उत्तर ढूंढ़ रहें है तो उसे कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं अथवा हमसे Whatsapp पर मैसेज करें। इसी तरह की जानकारी के लिए Poemswala को सब्सक्राइब करें तथा सोशल मीडिया पर भी फॉलो करें।

और भी पढ़ें : 

  1. Kavya | काव्य का अर्थ, परिभाषा व लक्षण
  2. मुक्तक काव्य; परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण


Thank You So Much For Reading This aticle. I'm waiting for your valuable comment

About the Author

नमस्कार ! आपका मेरे ब्लॉग में स्वागत है। मैं हूं रंजन, एक नवोदयन जो सबकुछ करना चाहता है। उसी सिलसिले में एक वेबसाइट के ज़रिये अपने भावों को लिखना शुरू किया। दिसंबर 2019 से लिख रहा है। उम्मीद है आपको रचना पसंद आ रही होगी। धन्यवाद ! मोहब्बत फैलाइए ❣️

Post a Comment

Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.