अब नहीं आती फिर से, वो रात सुहानी यादों वाली
हस्ती हंसाती खुशियां भरती आंखों में उन्मादों वाली
वो जिक्र, वो फिक्र, हर पल तेरा होने वाली
आंखे चुपचाप बरसती, सावन भादों वाली
मन के हर कोने में एक इंतजार दोहराने वाली
ताका झांकी और न दिखती घबराई आंखों वाली
शांत गलियां मन हैरान उदासी खिसकाने वाली
अब नहीं आती फिर से वो रात सुहानी यादों वाली
जगह जगह के पोस्टर हाथ हवा में लहराने वाली
सितम ढा रही दुनियां को एक रोज सीढियां दिखाने वाली
यादों के पन्नों को खोलकर अपने तक ही सिमटने वाली
अब नहीं आती फिर से वो रात सुहानी यादों वाली
कोना अनवरत अभिव्यक्ति आधी रात सुनाने वाली
चुपचाप के झूठ पर भीं जबरजस्ती रूठकर हंसाने वाली
मजेदार है सबकुछ इतना कह बहलाने वाली
काली जुल्फ़ों के तान अरग पर हरदम खुशी दिखाने वाली
अब नहीं आती फिर से वो रात सुहानी यादों वाली
Thank You So Much For Reading This Poem. I'm waiting for your valuable comment