पर मर्ज़ी हमारी होगी | Love poetry in hindi | Poems wala |
पर मर्ज़ी हमारी होगी | Love poetry in hindi
मेरी जान कोशिश की होगी तुमने मुझे मनाने की
आंसू बहाया होगा, दर्द छिपाएं होंगें,
पैतरें भी आजमाएं होंगें, लेकिन अगर तुम्हारा
दिल उनके महफ़िल में शरीक न हुआ होता न,
तो मां कसम गलतियां हज़ार होती करने की
लेकिन बहाने ना होते मुझे छोड़ जाने की।
जो खूब इंतिहा लिया है भगवान ने तेरे मेरे सब्र का
कभी मीठे फल प्राप्त हुए हैं तो कभी खट्टे पल भी
मर्ज़ी होगी खुदा की तो ये रिश्ता यूं हीं बरकरार रहेगा
बाक़ी किसी कि परवाह न मुझे है और न तुम्हे
कश्ती डूबेगी, नाविक भी डूबेगा पर मर्ज़ी हमारी होगी।
: रंजन गुप्ता
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